(2021) शिक्षक दिवस पर निबंध, इतिहास, कविता, शायरी, महत्व, भाषण, अनमोल वचन ( Teachers Day Essay , Shikshak Divas history, importance, Quotes, Shayari, Speech In Hindi )
शिक्षक दिवस (Teachers day) मतलब हमारे गुरुजनों (शिक्षकों) का दिन, यही वह दिन है जब हर जगह विध्यार्थी अपने गुरु के प्रति विशेष रूप से आदर प्रकट करता है उन्हें वह सम्मान देता है जिसका गुरुजन हकदार है. वैसे देखा जाए तो शिक्षक आदर सम्मान प्राप्त करने के लिए किसी दिन का मोहताज नहीं है, परंतु एक विशेष दिन होने से शिक्षक उस दिन विशेष सम्मान पाते है और छात्र व छात्राओ को भी अपने गुरु की महिमा का पता चलता है.
शिक्षक दिवस निबंध की रूपरेखा Teachers Day Essay in Hindi
नाम: | – शिक्षक दिवस |
तिथि: | – 5 सितम्बर |
प्रमुख व्यक्ति: | – डॉ श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन |
भारत में पहली बार कब मनाया गया: | – 1962 |
प्रकार: | – राष्ट्रिय पर्व |
गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
गुरु शब्द का क्या अर्थ हैं ?
अब हम गुरु शब्द का अर्थ जानेंगे।
‘गु’ शब्द का अर्थ होता है अंधकार( अज्ञान) और ‘रू’ शब्द का अर्थ है प्रकाश ज्ञान, इस प्रकार अज्ञान को नष्ट करने वाला जो ब्रहा रूप प्रकाश है, वह गुरु होता है। और गुरु का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है यह सर्वविदित है।
शिक्षक पर श्लोक अर्थ सहित
गुरु ही ब्रह्मा है ,गुरु ही विष्णु है ,गुरु ही महेश्वर अर्थात शंकर जी हैं ।
गुरु सभी देवीं में श्रेष्ठ परब्रम्ह के सामान है, ऐसे गुरु को हमारा नमन है।।
इस संपूर्ण का अर्थ है, कि गुरु ही सर्वश्रेष्ठ हैं | जिन्होंने हमें इन सब के बारे में बताया। वैसी गुरु की महिमा अनंत है|
चलिए जाने क्या हैं शिक्षक दिवस
एक शिक्षक एक स्टूडेंट से साथ हमेशा चट्टान की तरह खड़ा रहता हैं |
हम सभी एक बात अच्छी तरह से जानते हैं कि एक पक्की नीव पर ही एक बहुत अच्छी मकान या बिल्डिंग खड़ी की जा सकती है. ठीक उसी प्रकार से गुरु या शिक्षक या टीचर ही वह व्यक्ति है जो विद्यार्थी की नीव को सुदृढ़ करके उसे भविष्य में सफलतम और अच्छा मनुष्य बनने में सहायता करता है और उसे एक सफल इंसान बनाता है.
अतः प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता है, इसलिए उनका सम्मान बहुत ही आवश्यक है. जो विद्यार्थी अपने शिक्षक का आदर नहीं करता वह अपने शिक्षक के महत्व से अंजान होता है और भविष्य में पछताते है.
शिक्षक दिवस का महत्व क्या हैं
भारतवर्ष में गुरु शिष्य की परंपरा बहुत पुरानी है. एक छात्र के जीवन में उसका टीचर ( शिक्षक ) ही उसका भविष्य निर्माता होता है इस बात को हमलोंग प्रचिन समय से जानते थे.
हमारे देश में पहले छात्र गुरुकुल रह कर शिक्षा ग्रहण करते थे, उन्हे शिक्षा प्राप्ति के लिए अनुशासित रह कर अत्यधिक परिश्रम करना पढ़ता था. यहाँ तक कि बड़े बड़े राजा महाराजा भी अपनी संतान को गुरुकुल की अत्यंत कठिन अनुशासित परिस्थितियों में ही शिक्षा ग्रहण करवाते थे. वें आश्रम में रहकर अपने गुरु कि सेवा भी करते थे और शिक्षा भी ग्रहण करते थे.
पर एक बात तो सच हैं जबतक विद्यार्थी जीवन में अनुशासित रहकर कठिन परिश्रम करेगा वो अपने निर्धारित लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करेगा
छात्र अपने जीवन का एक बहुत सारा समय शिक्षा ग्रहण करते हुये गुरुकुल में गुरु कि सेवा में बिताते थे. और गुरु शिक्षा प्राप्ति के बाद अपने शिष्यों से गुरु दीक्षा में मनचाही गुरु दक्षिणा लेते थे, और शिष्य भी बिना हिचके गुरु दीक्षा देने के लिए सबकुछ करते थे. हमारे देश में एकलव्य और आरुणी जैसे शिष्य भी हुये है जिन्होने अपनें गुरु के आदेश मात्र पर अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था और हमेशा के लिए अपना नाम अमर कर दिया.
परंतु आज के समय में शिक्षा प्रणाली और गुरुओं कि स्थिति में काफी परिवर्तन आया है. आज शिक्षक को उसकी शिक्षा का मूल्य विद्यार्थी पैसों के रूप में देता है. आज विद्यार्थियों के मन में शिक्षक का सम्मान भी वैसा नहीं रहा.
आज के इस आधुनिक युग में टीचर या शिक्षक के महत्व को बनाए रखने के लिए शिक्षक दिवस जैसे दिन की बहुत ही आवश्यक है, जिससे इस दिन सभी विद्यार्थी भिन्न भिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपने गुरु कि महिमा को जन पाये और उनका सम्मान करे.
शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है
कई देशों में शिक्षकों के सम्मान के लिए एक विशेष दिन घोषित किया गया है.
भारत में शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के दिन 5 सितंबर को मनाया जाता है.
सभी स्कूल कॉलेजों विश्वविद्यालय में यह दिन पूर्ण रूप से शिक्षकों के लिए समर्पित होता है. इस दिन छात्र विभिन्न तरीकों से अपने शिक्षक के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं।
दुनिया के विभिन्न देशों में कब मनाया जाता है, शिक्षक दिवस
देश का नाम | तारीख |
बांग्लादेश | 5 अक्टूबर |
ऑस्ट्रेलिया | अक्टूबर के आखिरी शुक्रवार |
चाइना | 10 सितम्बर |
जर्मनी | 5 अक्टूबर |
ग्रीस | 30 जनवरी |
मलेशिया | 16 मई |
पाकिस्तान | 5 अक्टूबर |
श्रीलंका | 6 अक्टूबर |
यूके | 5 अक्टूबर |
यूएसए | मई के पहले हफ्ते में नेशनल टीचर वीक मनाया जाता है |
ईरान | 2 मई |
थाईलैंड | 16 जनवरी |
टर्की | 24 नवंबर |
रशिया (रूस) | 1. वर्ष 1965 से 1994 तक अक्टूबर के पहले रविवार 2. वर्ष 1994 में यूनेस्को के द्वारा विश्व शिक्षक दिवस घोषित होने के बाद 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा। |
शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है
भारत में टीचर्स डे ( शिक्षक दिवस ) 5 सितंबर को मनाया जाता है. इस दिन भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन का जन्मदिन होता है. डॉ राधाकृष्णन का शिक्षा के प्रति विशेष रुझान था, उनका मानना था कि बिना शिक्षा के व्यक्ति अपनी मंजिल तक नहीं पंहुच सकता. वे कहते थे व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है,
एक अच्छा शिक्षक विद्यार्थी के मस्तिष्क में तथ्यों को ठुसने की बजाय वह उसे भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है.
डॉ साहब ने स्वयं भी अपने जीवन के महत्वपूर्ण 40 साल शिक्षा के क्षेत्र में दिये और कई विध्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार किया. बाद में वे आजाद भारत के उपराष्ट्रपति और फिर राष्ट्रपति बने.
डॉ राधाकृष्णन का शिक्षा के प्रति झुकाव देखते हुये उनके जन्मदिन को ही भारत में शिक्षक दिवस घोषित किया गया.
यह उनके और उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिये गए योगदान का देश वासियों के द्वारा उन्हें सबसे बड़ा सम्मान है.
शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है
शिक्षक दिवस के दिन विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों के सम्मान में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन शिक्षण संस्थानों में अवकाश रहता है और विद्यार्थियों द्वारा स्कूलों में शिक्षकों के सम्मान में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, वे अपने शिक्षकों को तरह-तरह के उपहार देते हैं। यद्यपि गुरु-शिष्य का संबंध एक अनुशासन और सम्मान साझा करता है, लेकिन इस दिन शिष्य उनके बीच के अंतर को दूर कर अपने गुरु के प्रति अपने मन की हर भावना को व्यक्त करता है। और अपने शिक्षक को विशेष महसूस कराता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है, वर्ष 1966 में इस दिन एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में टीचिंग इन फ्रीडम ट्रीटी पर हस्ताक्षर किए गए, इस संधि के माध्यम से शिक्षकों के अधिकारों, उनकी जिम्मेदारी, उनके सीखने के नियमों से संबंधित नियमों पर विचार किया गया।
1977 में फिर से एक सम्मेलन हुआ जिसमें यूनेस्को ने उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षकों की स्थिति पर विचार किया। यह दिन यूनेस्को द्वारा हर साल शिक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस पर दोहे और उनके अर्थ :-
गुरु कि महिमा का बखान हमारे महाकवियों ने भी किया है गुरु पर आधारित कुछ प्रचलित दोहे और उनके अर्थ इस प्रकार से है :-
गुरु बिन ज्ञान न होत है, गुरु बिन दिशा अजान |
गुरु बिन इन्द्रिय न सधें, गुरु बिन बढ़े न शान ||
अर्थ :- इस दोहे में कवि कहता है कि गुरु के बिना ज्ञान प्राप्त करना कठिन है, गुरु के बिना शिष्य को अपनी दिशा का ज्ञान भी नहीं मिल सकता। गुरु के बिना विद्यार्थी के लिए अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण करना भी कठिन होता है और इन सबके बिना उसका समाज में कोई स्थान नहीं है।
गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पाँय ।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो मिलाय ॥
अर्थ :- इस लोकप्रिय दोहे में महाकवि कबीर दास जी कहते हैं कि जब गुरु और भगवान दोनों आपके सामने खड़े हों, तो आप सबसे पहले किसको नमन करेंगे? गुरु ही आपके लिए ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करता है, अर्थात गुरु महान है और आपको पहले अपने गुरु की पूजा करनी चाहिए।
गीली मिट्टी अनगढ़ी, हमको गुरुवर जान,
ज्ञान प्रकाशित कीजिए, आप समर्थ बलवान।
अर्थ :- इस दोहे में कवि कहता है कि हे गुरु, आप हमें कच्ची मिट्टी की तरह जानते हैं और भविष्य के लिए तैयार करते हैं। आप ही एक ऐसे व्यक्ति हैं जो हमारे गुण-दोषों की कल्पना कर हममें ज्ञान का दीपक जला सकते हैं।
शिष्य वही जो सीख ले, गुरु का ज्ञान अगाध |
भक्तिभाव मन में रखे, चलता चले अबाध ||
अर्थ :- – इस दोहे में कवि कहता है कि शिष्य वह है जो गुरु द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने भीतर प्राप्त कर लेता है और अपने गुरु के प्रति अपने मन में विश्वास रखकर कर्म पथ पर आगे बढ़ता रहता है।
पिता जन्म देता महज, कच्ची माटी होय |
गुरुजनों के शिल्प से, मिट्टी मूरत होय ||
अर्थ :- इस दोहे में कवि कहता है कि जब पिता बच्चे को जन्म देता है और उसे अस्तित्व में लाता है, तो वह कच्ची मिट्टी के समान होता है, अर्थात उसमें कोई गुण और दोष नहीं होता, वह जीवन पथ से अनभिज्ञ होता है। उसके बाद जब वह अपने गुरु के संपर्क में आता है, तो शिक्षक उसके गुणों को गढ़ता है और उसे एक मूर्ति की तरह तैयार करता है ताकि वह अपना भविष्य बना सके और समाज में अपना जीवन व्यतीत कर सके।
शिक्षक दिवस पर व्हाट्स अप सन्देश
- एक विद्यालय का नाम अच्छे छात्रों से नहीं बल्कि बेहतरीन व्यक्तित्व वाले शिक्षकों से होना चाहिये.
- शिक्षक के पास ही वो कला हैं जो मिट्टी को सोने में बदल सकती हैं.
- शिक्षक के पास ही वो कला हैं जो मिट्टी को सोने में बदल सकती हैं
- शिक्षक का व्यक्तितव एक श्री फल के समान होता हैं.
- शिक्षक बनना सबसे बड़ा उत्तरदायित्व हैं. शिक्षा ही मनुष्य को देश भक्त या आतंकवादी बना सकती हैं.
- चीर अंधकार से एक शिक्षक ही बाहर निकाल सकता हैं.
- एक शिक्षक आपको डराता हैं लेकिन इसमें भलाई छिपी होती हैं.
शिक्षक दिवस अनमोल वचन
आज के प्रतिस्पर्धा के समय में आपका विरोधी ही आपका सबसे अच्छा शिक्षक हैं.
हम अपने जीवन के लिए माता पिता के ऋणी होते हैं लेकिन एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए हम एक शिक्षक के ऋणी होते हैं.
एक सफल शिक्षक वही हैं जिसमे सहनशीलता एवम सकारात्मकता होती हैं.
शिक्षक में दो गुण निहित होते हैं – एक जो आपको डरा कर नियमों में बाँधकर एक सटीक इंसान बनाते हैं और दूसरा जो आपको खुले आसमा में छोड़ कर आपको मार्ग प्रशस्त करते जाते हैं.
जो असफल होकर निचे गिरते हैं वास्तव में वही शिक्षित होते हैं क्यूंकि जब वे वापस अपना नया रास्ता बनाते हैं उन्हें आतंरिक भय नहीं सताता.
वक्त का हर एक लम्हा शिक्षा देता हैं वास्तव में समय एवम अनुभव ही हमारे प्राकृतिक शिक्षक हैं.
माँ ही जीवन की वास्तविक शिक्षिका होती हैं क्यूंकि वही हमें करुण एवम आदर का भाव देती हैं. यही भाव सीखने की कला विकसित करते हैं.
शिक्षक स्वयम कभी बुलंदियों पर नहीं पहुँचते लेकिन बुलंदियों पर पहुँचने वालो को शिक्षक ही निर्मित करते हैं.
किसी शिष्य को उसके वास्तविक गुणों एवम अवगुणों से उसका परिचय करवाना ही एक सच्चे शिक्षक का परिचय हैं.
हर किसी की सफलता की नींव में एक शिक्षक की भूमिका अवश्य होती हैं. बिना प्रेरणा के किसी भी ऊँचाई तक पहुंचना असम्भव हैं.
एक शिक्षक किताबी ज्ञान देता हैं, एक आपको विस्तार समझाता हैं एक स्वयं कार्य करके दिखाता हैं और एक आपको रास्ता दिखाकर आपको उस पर चलने के लिए छोड़ देता हैं ताकि आप अपना स्वतंत्र व्यक्तित्व बना सके. यह अंतिम गुण वाला शिक्षक सदैव आपके भीतर प्रेरणा के रूप में रहता हैं जो हर परिस्थिती में आपको संभालता हैं आपको प्रोत्साहित करता हैं.
किसी महान देश को महान बनाने के लिए माता पिता एवम शिक्षक ही ज़िम्मेदार होते हैं.
हर किसी की सफलता की नींव में एक शिक्षक की भूमिका अवश्य होती हैं. बिना प्रेरणा के किसी भी ऊँचाई तक पहुंचना असम्भव हैं.
एक शिक्षक किताबी ज्ञान देता हैं, एक आपको विस्तार समझाता हैं एक स्वयं कार्य करके दिखाता हैं और एक आपको रास्ता दिखाकर आपको उस पर चलने के लिए छोड़ देता हैं ताकि आप अपना स्वतंत्र व्यक्तित्व बना सके. यह अंतिम गुण वाला शिक्षक सदैव आपके भीतर प्रेरणा के रूप में रहता हैं जो हर परिस्थिती में आपको संभालता हैं आपको प्रोत्साहित करता हैं.
शिक्षक दिवस पर शायरी
जीवन जितना सजता हैं माता-पिता के प्यार से
उतना ही महकता हैं गुरु के आशीर्वाद से
समाज कल्याण में जितने माता पिता होते हैं खास
उतने ही गुरु के कारण देश की होती हैं साख
सफल जीवन सजता हैं सपनो से
जो मिलता हैं किसी गुरु की दस्तक से
जीवन सूर्य सा प्रकाशित हो उठता हैं
जब साथ एक सच्चे गुरु का मिलता हैं .
कड़ी धूप में जो दे वृक्ष सी छाया
ऐसी हैं इनके ज्ञान की माया
नहीं होता कोई रक्त सम्बन्ध
फिर भी हैं जीवन का अनमोल बंधन
जीवन का मार्ग कठिन हैं
सत्य का विचार कठिन हैं
पर जो हर हाल में सत्य सिखाये
वही एक सफल शिक्षक कहलाये
ना तारीफ के शब्दों की हैं उसको चाहत
ना महंगे उपहारों से होती उसकी इबादत
उसे मिलती हैं तब ही आत्मीय शांति
जब फैलती हैं विश्व में शिष्य की कान्ति
भीड़ में हैं एक गुरु ही अपना
दिखाये जो जीवन का सपना
पग पग पर देते वो दिशा निर्देश
गुरु से ही सजे जीवन परिवेश
हर काम आसान हो जाता हैं
जब सच्चे शिक्षक का सानिध्य मिलता हैं
फिर कितने ही आये जीवन में उतार चढ़ाव
शिक्षक के चरणों में ही मिलता हैं ठहराव
शिक्षक हैं एक दीपक की छवि
जो जलकर दे दूसरों को रवि
ना रखता वो कोई ख्वाइश बड़ी
बस शिष्य की सफलता ही हैं खुशियों की लड़ी
बिन गुरु नहीं होता जीवन साकार
सिर पर होता जब गुरु का हाथ
तभी बनाता जीवन का सही आकार
गुरु ही हैं सफल जीवन का आधार
चंद शब्दों में नहीं होती बयाँ ईश्वर के तुल्य हैं
जिनकी काया ऐसे गुरु वर को शत शत नमन
उनके चरणों में जीवन अर्पण
FAQ
प्रश्न 1- भारत में 5 सितम्बर को ही शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता हैं ?
उत्तर – वैसे भारत में गुरु का बहुत महत्व हैं जिसके लिए गुरु पूर्णिमा मानी जाता हैं लेकिन 1962 में देश के पूर्व राष्ट्रपति जो कि एक महान शिक्षक थे उन्हें सम्मानित करते हुये उनके जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में शुरू किया गया इसलिए इस दिन भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता हैं.
प्रश्न 2- वर्ल्ड टीचर डे (शिक्षक दिवस) कब मनाया जाता हैं ?
उत्तर -वर्ल्ड टीचर्स डे 5 अक्टूबर को मनाया जाता है, इसी दिन दुनिया के 21 देश इसे बड़ी धूमधाम से मनाते है.
प्रश्न 3- अन्य देशों में टीचर्स डे कब मनाया जाता हैं ?
उत्तर – 28 फ़रवरी को दुनिया के 11 देश टीचर्स डे मनाते है.
प्रश्न 4- भारत में शिक्षक दिवस की स्थापना किसने की थी ?
उत्तर – कांग्रेस पार्टी
प्रश्न 5- भारत में पहली बार शिक्षक दिवस कब मनाया गया था ?
उत्तर – सन 1962
प्रश्न 6- भारत में शिक्षक दिवस कब मनाया जाता हैं ?
उत्तर – 5 सितम्बर
प्रश्न 7- शिक्षक दिवस पर क्या बोले?
उत्तर – शिक्षक हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं। हमारे जीवन में शिक्षकों के इस योगदान के लिए हमें अपने शिक्षकों का हमेशा आदर और सम्मान करना चाहिए। टीचर्स डे पर मैं सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करती हूं। एक बार फिर से आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई।
प्रश्न 8- टीचर डे पर भाषण कैसे दे?
उत्तर – चलों आओ मेरे प्यारे साथियों, हम सभी एक साथ अपने शिक्षकों के सम्मान में कहें कि, ‘हमारे आदरणीय शिक्षकों जो कुछ भी आपने हमारे लिए किया उसके लिए हम आपके हमेशा आभारी रहेगें’। मेरे प्यारे मित्रों, हमें हमेशा अपने अध्यापकों के आदेशों का पालन करना चाहिए और देश का योग्य नागरिक बनने के लिए उनकी सलाह का अनुकरण करना चाहिए।
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