आप सभी रंगों का त्यौहार होली (Holi) को बड़ी धूम धाम से मानते होंगे. मगर क्या आपको पता है कि होली मनाने का कारण क्या है? अगर आपको जानना है तो इसे अवश्य पढ़े.
कब है होली, ये तो सब जानेंगे; लेकिन क्या आप जानते हैं कि हम होली क्यों मनाते हैं? होली का नाम सुनते ही मन में खुशी और उल्लास का भाव पैदा होता है। होली रंगों का त्योहार है जिसमें बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी शामिल होते हैं और इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं, इसलिए इस त्योहार (फेस्टिवल) को हम सभी खुशियों का त्योहार भी कहा जाता है।
हमारे भारत जैसा पूरी दुनिया में कोई दूसरा देश नहीं है, जहां लोग एक साथ आते हैं और बिना किसी भेदभाव के भाईचारे के साथ सभी त्योहारों का आनंद लेते हैं।
होली का त्योहार हिंदुओं का एक प्रमुख और लोकप्रिय त्योहार है, लेकिन फिर भी सभी धर्मों के लोग इस त्योहार को प्यार से मनाने के लिए एक साथ आते हैं, जिसके कारण यह त्योहार एक-दूसरे के प्रति स्नेह बढ़ाता है और उन्हें करीब लाता है।
हमारे देश में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों के पीछे एक पौराणिक और सच्ची कहानी (कथा) छिपी होती है। इसी तरह होली में रंगों से खेलने के पीछे भी कई कहानियां हैं।
आज इस लेख से हम जानेंगे कि होली क्यों मनाई जाती है?
मान्यता के अनुसार होली का पावन पर्व भक्त प्रहलाद की भक्ति और भगवान से उसकी प्राणरक्षा की प्रसन्नता में मनाया जाता है.
2023 में होली पर्व के लिए मुहूर्त – Muhurta for Holi festival in 2023
holi 2023 | date |
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होली के बोल | बुरा ना मानो होली है (Bura na mano Holi hai) |
2023 में होलिका दहन तिथि | 7 मार्च – रात 9 बजकर 20 मिनट 55 सेकंड से शुरू होकर 10 बजकर 31 मिनट 09 सेकंड तक है. |
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ | 7 मार्च 13 बजकर 25 मिनट से |
पूर्णिमा तिथि समाप्त | 8 मार्च 12 बजकर 45 मिनट पर |
समय | 01 घंटे 11 मिनट |
भद्रा पुँछा | 21:20 से 22:31 तक |
भद्रा मुखा | 22:31 से 00:28 तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक |
अमृत काल | सुबह 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक. |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04 बजकर 50 मिनट से सुबह 05 बजकर 38 मिनट तक. |
रंग वाली होली तिथि | 18 मार्च 2022 |
आने वाले सालों में होली कब है के लिए दिवस – when is holi dates ?
होली वर्ष | दिनांक | दिवस |
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2022 | 18 मार्च | शुक्रवार |
2023 | 7 मार्च | मंगलवार |
2024 | 25 मार्च | सोमवार |
2025 | 14 मार्च | शुक्रवार |
2026 | 3 मार्च | मंगलवार |
2027 | 22 मार्च | सोमवार |
2028 | 11 मार्च | शनिवार |
2029 | 1 मार्च | गुरुवार |
2030 | 20 मार्च | बुधवार |
2031 | 9 मार्च | रविवार |
होली क्या है – What is Holi in Hindi
Holi (होली) का दिन बहुत ही शुभ दिन होता है। यह त्योहार हर साल फागुन के महीने यानी मार्च में वसंत ऋतु के दौरान आता है, जो पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और यह सबसे खुशी का त्योहार है। यह बसंत का त्योहार है और जब यह आता है तो सर्दी खत्म हो जाती है और गर्मी शुरू हो जाती है।
इस साल 7 मार्च, 2023 दिन शुक्रवार को देशभर में हर जगह रंगों का त्यौहार होली हर्षौल्लाश से खेली जाएगी. भारत के कुछ हिस्सों में इस त्यौहार को किसान अच्छी फसल पैदा होने की ख़ुशी में भी मनाते हैं.
होली का यह त्योहार फागुन के अंतिम दिन होलिका दहन की शाम से शुरू होता है और अगली सुबह सभी लोग मिलते हैं, गले मिलते हैं और एक दूसरे को रंग और अबीर लगाते हैं। इस दौरान पूरी प्रकृति और वातावरण बेहद खूबसूरत और रंगीन नजर आता है। इस त्योहार को एकता, प्रेम, सुख, खुशी और बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में जाना जाता है।
रक्षाबंधन कब और क्यों मनाया जाता है
रंगों का त्यौहार होली क्यों मनाई जाती है
होली का त्योहार क्यों मनाया जाता है? होली के इस त्योहार से कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं, जिनमें से सबसे लोकप्रिय कथा प्रह्लाद और उनकी भक्ति की है। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक शक्तिशाली राक्षस हुआ करता था, जिसे ब्रह्मा देव ने वरदान दिया था कि वह न तो किसी इंसान या किसी जानवर को मार सकता है, न किसी हथियार या हथियार से, न घर के बाहर और न ही अंदर, न दिन में, न रात में, न धरती में, न आकाश में।
अशूर के पास जो अपार शक्ति थी, उसके कारण वह अभिमानी हो गया और स्वयं को ईश्वर के स्थान पर ईश्वर मानने लगा। वह अपने राज्य के सभी लोगों पर अत्याचार करता था और सभी को भगवान विष्णु की पूजा करने से मना करता था और उन्हें उसकी पूजा करने का निर्देश देता था क्योंकि वह अपने छोटे भाई की मृत्यु का बदला लेना चाहता था जिसे भगवान विष्णु ने मार दिया था।
हिरण्यकश्यप का प्रह्लाद नाम का एक पुत्र था। वह एक असुर का पुत्र होने के बावजूद अपने पिता की बात सुने बिना भगवान विष्णु की पूजा करता था। हिरण्यकश्यप के भय ने उसके पुत्र प्रह्लाद को छोड़कर सभी को उसे देवता मानने पर विवश कर दिया। हिरण्यकश्यप ने यह स्वीकार नहीं किया, उसने बहुत कोशिश की कि उसका पुत्र भगवान विष्णु की भक्ति छोड़ दे, लेकिन हर बार वह अपने प्रयास में असफल रहा। इस गुस्से में उसने अपने ही बेटे को मारने का फैसला किया।
इस घिनौने काम में उन्होंने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को भगवान शिव से एक वरदान भी मिला था जिसमें उन्हें एक वस्त्र मिला था। जब तक होलिका के शरीर पर वह कपड़ा रहता है, तब तक कोई भी होलिका नहीं जला सकता।
हिरण्यकश्यप ने एक साजिश रची और होलिका को प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठने का आदेश दिया। होलिका आग में नहीं जल सकती क्योंकि उसे वरदान मिला हुआ है, लेकिन उसका बेटा उस आग में फंसकर भस्म हो जाएगा, जिससे सभी को यह सबक मिलेगा कि अगर कोई उसकी बात मानने से इनकार करता है, तो उसे भी उसके जैसा ही फल मिलेगा ।
जब होलिका प्रह्लाद के साथ अग्नि में बैठी तो वह भगवान विष्णु का जाप कर रहे थे। अपने भक्तों की रक्षा भगवान का हमेशा करते है, इसलिए उन्होंने ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए एक ऐसा तूफान लाये जिसमें होलिका के शरीर के चारों ओर लिपटे कपड़े उड़ गए और आग से न जलने का वरदान पाने वाली होलिका भस्म हो गई और पर दूसरी ओर, भक्त प्रह्लाद को अग्नि से कुछ भी नहीं हुआ
तब से लेकर अब तक हिंदू धर्म के लोग इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखते हैं और उसी दिन से होली महोत्सव का त्योहार शुरू हो गया था और लोग इस दिन को मनाने के लिए रंगों से खेलते हैं।
Holiहोली के ठीक एक दिन पहले होलिका दहन होता है, जिसमें लकड़ी, घास और गाय के गोबर से बने ढेर में घूमकर व्यक्ति अपनी ही बुराई को आग में जलाता है और अगले दिन से नए सिरे से शुरू करने का वादा करता है।
होली महोत्सव का इतिहास
होली का क्या महत्व है? होली का त्योहार प्राचीन काल से ही अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक मान्यताओं के कारण मनाया जाता रहा है। इसका उल्लेख भारत की कई पवित्र पौराणिक पुस्तकों जैसे पुराण, दसकुमार चरित, संस्कृत नाटक रत्नावली में मिलता है।
होली के इस अवसर पर, लोग होलिका दहन समारोह के लिए मंदिरों के आसपास की गलियों, पार्कों, सामुदायिक केंद्रों और क्षेत्रों में लकड़ी और अन्य ज्वलनशील सामग्री के ढेर बनाने लगते हैं। कई लोग घर में भी साफ-सफाई भी करते हैं। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के व्यंजन भी बनाए जाते हैं जैसे गुझिया, मिठाई, मैथी, मालपुआ, चिप्स, लड्डू आदि।
होली पूरे भारत में हिंदुओं के लिए एक बहुत बड़ा त्योहार है, जो ईसा मसीह से पहले कई सदियों से मौजूद है। अगर हम पहले होली की बात करें तो इस त्योहार को विवाहित महिलाएं अपने परिवार की भलाई के लिए पूर्णिमा की पूजा करके मनाती थीं। प्राचीन भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस त्योहार को मनाने के पीछे कई किंवदंतियां हैं।
होली हिंदुओं के लिए एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्योहार है। होली शब्द “होलिका” से बना है। होली का त्यौहार विशेष रूप से भारत के लोगों (आर्यव्रत) द्वारा मनाया जाता है जिसके पीछे एक बड़ा कारण है। एक बड़ा कारण यह भी है कि यह त्योहार न केवल रंगों का बल्कि भाईचारे का भी है। जैसे हम त्योहार के दौरान सभी रंगों का उपयोग करते हैं, उसी तरह हमें भाईचारे की भावना से जीना चाहिए और सभी त्योहारों को एक-दूसरे के साथ मिलाकर मनाना चाहिए।
होली एक ऐसा त्योहार है जिसे देश के हर प्रांत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यह विभिन्न प्रांतों में उनकी संस्कृति के अनुसार मनाया जाता है। यह त्योहार हमें जीवन में सभी के साथ सद्भाव से रहने की प्रेरणा देता है।
Holi को सही तरीके से कैसे मनाएं
पहले होली के रंग फूलों जैसी प्राकृतिक चीजों से बनाए जाते थे और उन्हें गुलाल कहा जाता था। वह रंग हमारी त्वचा के लिए बहुत अच्छा था क्योंकि उसमें कोई केमिकल (Chemical) नहीं मिला था। लेकिन आज के समय में दुकानों में रंगों के नाम पर केमिकल (Chemical)से बने पाउडर(Powder) बेचे जाते हैं, जो हम सभी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, खासकर बच्चों के लिए।
इन रसायनों (Chemical) से बने रंग कम दामों पर उपलब्ध होते हैं और प्राकृतिक रंग जो वास्तव में होली के दिन इस्तेमाल किया जाना चाहिए, इसकी कीमत थोड़ी अधिक होती है, इसलिए लोग कम कीमत पर रंग खरीदते हैं, इस बात से अनजान रहते हैं कि वह रंग उनके लिए कितना अधिक खतरनाक (dangerous)है।
इस खराब रंग के कारण बहुतसे लोगों ने होली खेलना बंद कर दिया है, जो कि बड़े दुख का विषय है क्योंकि रसायनों से बने रंग के कारण लोगों को बाद में कई शारीरिक बीमारियों का सामना करना पड़ता है। हमें इस पुराने और प्रसिद्ध त्योहार को अच्छे और सही तरीके से मनाना चाहिए। इसलिए आज मैं आपको बताऊंगा कि इस बार होली पर क्या करें और क्या न करें।
रंगों का त्यौहार होली के दिन क्या करना है
होली (Holi) के दिन ऑर्गेनिक organic और प्राकृतिक ( naturals ) रंगों का प्रयोग करें। जैसे फूड डाई (Food dye)।
इस दिन आपके द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों से आपका पूरा शरीर ढका होना चाहिए ताकि जब कोई और आप पर केमिकल (chemicals) से बने रंग लगाए, तो कपड़ों की वजह से आपकी त्वचा बच जाए।
अपने चेहरे, शरीर और बालों पर कोई भी तेल लगाएं ताकि जब आप नहाते समय रंगों से छुटकारा पाने की कोशिश करें तो उन्हें आसानी से हटाया जा सके।
रंगों से खेलने के बाद अगर आपको कोई शारीरिक परेशानी होने लगे तो तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल में इलाज कराएं।
अस्थमा (Asthma) के मरीजों को रंग खेलते समय फेस मास्क (face mask) का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
आप सिर पर टोपी का इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि बाल खराब न हों।
होली के दिन क्या नहीं करना है
केमिकल या सिंथेटिक रंगों से बने रंगों का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
किसी भी व्यक्ति की आंख, नाक, मुंह और कान में रंग न लगाएं।
होली का दिन अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाएं और अजनबियों से दूर रहें।
एक्जिमा से पीड़ित लोग रंगों से दूर रहने की कोशिश करते हैं।
किसी पर रंग न थोपें या जानवरों पर न लगाएं, जैसे ये रंग हमारे लिए खतरनाक होते हैं, वैसे ही ये जानवरों के लिए भी उतने ही खतरनाक होते हैं।
सस्ते चाइनीज (chinese) रंगों से दूर रहें क्योंकि ये त्वचा के लिए काफी हानिकारक होते हैं।
कैसे Holi के रंगों को अपने शरीर से मिटायें
सबसे अच्छा तरीका है कि आप पहले से ही अपने पूरे शरीर को तेल से मॉइस्चराइज़ कर लें ताकि कोई रंग हमारी त्वचा पर न लगे। इससे हम इसे आसानी से धो सकते हैं। आप बालों के लिए तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं या फिर सिर पर टोपी भी लगा सकते हैं ताकि रंग आपके बालों को नुकसान न पहुंचाए।
जितना हो सके फूड डाई जैसे ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें क्योंकि केमिकल हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अधिक सूखे रंग का प्रयोग करें ताकि उन्हें आसानी से मिटाया जा सके।
होली के अवसर में घर पर बनाये बाज़ार से अच्छी ठंडाई रेसिपी
रंगों का त्यौहार होली पर शायरी इन हिंदी
अब वे दिन नहीं रहे जब लोग अपने प्रियजनों को शुभकामना देने के लिए डाक सेवाओं का उपयोग करते थे। अब ईमेल आईडी का भी बहुत कम इस्तेमाल होने लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें पैसे भी ज्यादा लगते हैं और इसमें काफी समय भी लगता है।
अब इंटरनेट के जमाने में लोग एक-दूसरे को विश करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट (Whatsapp, Facebook, Telegram) पर ऐसे कई एप्लिकेशन हैं, जिनके इस्तेमाल से वे किसी भी त्योहार में एक-दूसरे को तस्वीरें, मैसेज और यहां तक कि वीडियो भी भेज सकते हैं।
इनका इस्तमाल कर हम एक साथ बहुत से लोगों तक अपनी भावना को एक ही समय में पहुंचा सकते हैं. इससे आपकी समय की बर्बादी भी नहीं होगी और साथ में पैसों की भी खर्च नहीं होगे.
क्या आप चाहते हैं कुछ बेहतरीन Holi शायरी जानना?
यदि हाँ, तो हमारे साथ बने रहें और होली शायरी के एक बेहतरीन संग्रह का हिंदी में आनंद लें। इसमें आपको बस सही शायरी को चुनकर अपने चाहने वाले को फॉरवर्ड करना है।
तो चलिए पढ़ते हैं। उम्मीद है आपको ये जरूर पसंद आएगी.
Holi का Gulal हो
रंगों की बहार हो
गुजिया की मिठास हो
एक बात ख़ास हो
सब के दिल में प्यार हो
यहि अपना त्यौहार हो
Wish U very Happy Holi
अपने दिल का हाल बताना छोड़ दिया,
हमने भी गहराई में जाना छोड़ दिया.
अरे यह क्या ?
होली से पहले आपने नहाना छोड़ दिया !!
गुल ने गुलसन से गुलफाम भेजा है,
सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है,
मुबारक हो आपको holi का त्यौहार,
हमने दिल से यह पैगाम भेजा है.
रंगों के त्यौहार में सभी रंगों की हो भरमार,
ढेर सारी खुशियों से भरा आपका संसार,
यही दुआ है भगवान से हमारी हर बार,
होली मुबारक हो मेरे यार !
Happy Holi Wishes in Hindi
रंगों की ना होती कोई जात
वो तो लाते बस खुशियों की सौगात
हाथ से हाथ मिलाते चलो!
होली हैं होली रंग लगाते चलो
प्यार के रंगों से भरो पिचकारी,
स्नेह के रंगों से रंग दो दुनिया सारी!
ये रंग न जाने न कोई जात न बोली,
सबको हो मुबारक ये हैप्पी होली!
प्यार, स्नेह, समर्पण, दुलार,
महोब्बत, सदभावना, सद्विचार,
इन सात रंगों की रहे बौछार,
आज का दिन लाये आपके जीवन में सतरंगी बहार
HAPPY HOLI
खुदा करे यह अवसर हर बार चांद बनकर आए
हर रंग की महक शान बनकर आए!
कभी दूर न हो आपके चेहरे से हंसी
होली का ये त्यौहार ऐसा मेहमान बनकर आए
निकलो गलियों में बना कर टोली।
भिगा दो आज हर एक की झोली!
कोई मुस्कुरा दे तो उसे गले लगा लो वरना निकल लो,
लगा के रंग कह के हैप्पी होली
मथुरा की खुशबू ,गोकुल का हार,
वृन्दाबन की सुगंध ,बरसाने की फुहार !
राधा की उम्मीद ,कान्हा का प्यार ,
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार !!
होली तो बस एक बहाना है रंगों का;
ये त्यौहार तो है आपस में दोस्ती और प्यार बढाने का;
चलो सारे गिले शिकवे दूर कर के एक दुसरे को खूब रंग लगते हैं;
मिलकर होली मानते हैं.
होली मुबारक हो!
इन रंगो से भी सुन्दर हो ज़िन्दगी आपकी,
हमेशा महकती रहे यही दुआ हैं हमारी,
कभी न बिगड़ पाए ये रिश्तो के प्यार की होली
ए-मेरे यार आप सबको मुबारक हो ये होली
Holi FAQ
प्रश्न: होली का त्योहार क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: होली का त्यौहार एक आम त्यौहार नहीं है। ये असल में एक ऐसा त्यौहार है जिसमें की बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू धर्म के भगवान विष्णु और उनके भक्त प्रह्लाद के सम्मान में यह त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है।
प्रश्न: होली का महत्व क्या है?
उत्तर: होली का एक अलग ही महत्व है। इसमें हमें बुराई पर अच्छाई की जीत देखने को मिलता है। इससे हमें ये शिक्षा मिलती है की बुराई चाहे कितनी भी सुहानी नज़र आए लेकिन अंत में हमेशा अच्छाई की ही जीत होती है।
प्रश्न: होली की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर: होली की शुरूवात भारत महादेश में काफ़ी पुराने समय से हुई थी। जानकारों का मानना है की क़रीब 4th century CE से भारत में होली का उत्सव मनाया जाता है।
प्रश्न: होलिका के पिता का क्या नाम था?
उत्तर: होलिका के पिता का नाम कश्यप ऋषि था।
प्रश्न: होलिका का दूसरा नाम क्या था?
उत्तर: होलिका का दूसरा नाम हरदोई या हरिद्रोही था. होलिका को हरि का द्रोही भी कहा जाता था, इसलिए उन्होंने इसका नाम हरिद्रोही रखा गया था.
प्रश्न: होली कौन से महीने में पड़ती है?
उत्तर: होली हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने में पड़ती है.
प्रश्न: होली का अर्थ क्या है?
उत्तर: होली शब्द का अर्थ होता है पवित्रता। मानव के जीवन में हमेशा से पवित्रता को सबसे ज़्यादा महत्व देना चाहिए.
प्रश्न: होली में क्या खाया जाता है?
उत्तर: होली के दिन तरह तरह के पकवान खाया जाता है. जैसे की ठंडाई, दही भल्ले, पूरन पोली, रशमलायी, बादाम फिरनी, भांग पकोड़ा इत्यादि.
प्रश्न: होली में रंगों का इस्तमाल क्यूँ किया जाता है?
उत्तर: ऐसा माना जाता है की भगवान कृष्ण अपने दोस्तों के साथ होली के दिन रंगों से खेला करते थे, और तभी से होली को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है.
प्रश्न: होलिका के माता का क्या नाम था?
उत्तर: होलिका के माता का नाम दिति था.
प्रश्न: हिरण्यकश्यप की बहन का नाम क्या था?
उत्तर: हिरण्यकश्यप की बहन का नाम होलिका था।
प्रश्न: हिरण्यकश्यप के पुत्र का क्या नाम था?
उत्तर: हिरण्यकश्यप के पुत्र का नाम प्रहलाद था
प्रश्न: होली पर क्या लगाते हैं?
उत्तर: आपसी दुश्मनी को भुलाकर लोग आपस में प्यार और मस्ती का प्रतिक लाल गुलाल, हरा, नीला, पीला इत्यादि तरह के रंग लगाते हैं.
प्रश्न: रंगों का इस्तेमाल कब कब किया जाता है?
उत्तर: रंगों का इस्तेमाल एक दूसरे को रंग लगाने व भाईचारा बढ़ाने के लिए होली त्यौहार पर किया जाता है
Holi होली क्यों मनाई जाती है?
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरा यह लेख पसंद आया होगा और यह भी पता चल गया होगा कि होली क्यों मनाई जाती है? तो दोस्तों इस बार होली में अपनी या दूसरों की सेहत के साथ खिलवाड़ ना करें और केमिकल रंगों की जगह प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें और खूब मस्ती करें।
आप सभी को हमारी तरफ से “हैप्पी होली” “Happy Holi”। अगर आप हमें बताना चाहते हैं कि अपनी होली कैसे मनाएं, तो लेख के अंत में एक टिप्पणी अवश्य लिखें।
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