गुरु पूर्णिमा 2022 में कब हैं, कब और क्यों मनाई जाती हैं, कथा, महत्व, निबंध, मुहूर्त, सुविचार, भजन [Guru Purnima 2022 Date in Hindi] (Kab hai, Quotes, Story)
देव शायनी ग्यारस के साथ ही हिंदू धर्म में त्योहारों के त्योहार की शुरुआत हो जाती है, इसी दिशा में अगला त्योहार गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाने वाला है। जी हां, गुरु को सम्मान देने के लिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा का दिन कहा जाता है। कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है? इसके बारे में पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी। साथ ही इस साल हम आपको गुरु पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त की जानकारी किस समय तक देने जा रहे हैं तो इस लेख के साथ अंत तक बने रहें।
गुरु पूर्णिमा 2022
भारत के त्योहारों में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म व सिख धर्म में गुरु का इन दोनों धर्मों में एक अलग स्थान है, गुरु को सबसे ऊपर माना जाता है जो अंधकार को प्रकाश में बदलने की शक्ति रखता है। इस वर्ष महामारी के कारण सभी पर्व परिवारजनों के साथ घर बैठे ही मनाए गए उसी प्रकार अब गुरु पूर्णिमा को घर में ही रहकर मनाना उचित होगा क्योंकि अभी भी महामारी का प्रकोप है।
पिछले साल की तरह इस साल भी गुरु पूर्णिमा जुलाई के महीने में है। ऐसे में इस दिन का महत्व और भी बढ़ता जा रहा है। आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा से जुड़ी कई कहानियों और अन्य बातों के बारे में।
गुरु पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व
गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था महर्षि वेदव्यास ने हीं महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की थी इसके साथ ही सभी अठारह श्रीमद्भागवत पुराणों की रचना भी गुरु वेद व्यास द्वारा ही की गई इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
भारत में रक्षाबंधन बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है रक्षा बंधन की पौराणिक कथाएं जानना चाहते हैं तो जरूर क्लिक करें।
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है
शिष्य और गुरु के बीच एक अविभाज्य ( अटूट ) संबंध होता है। गुरु पूर्णिमा का दिन केवल गुरु के सम्मान और आतिथ्य के लिए मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन भगवान वेद व्यास जी का जन्म हुआ था, जो आज गुरु पूर्णिमा के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
हिन्दू देश में गुरु का महत्व ईश्वर से अधिक बताया गया है क्योंकि गुरु के द्वारा ही हमें अपने जीवन में ईश्वर का महत्व प्राप्त हुआ है। ऐसा माना जाता है कि अच्छे और बुरे संस्कारों, धर्म, अधर्म आदि का ज्ञान पूरे विश्व में गुरु द्वारा ही अपने शिष्यों को दिया जाता है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है और इस दिन गुरु की पूजा पूरी श्रद्धा से की जाती है।
हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि मनुष्य का अपने जीवन काल में एक गुरु होना चाहिए। जिसके तहत गुरु की दीक्षा ली जाती है और गुरु द्वारा बताए गए आचरण का पालन किया जाता है, ऐसा माना जाता है कि इस व्यक्ति को जीवन में मार्गदर्शन मिलता है और उसके जीवन के कष्ट दूर होते हैं और उसे जीवन का उचित मार्ग मिलता है। इस तरह उसका जीवन सुखमय हो जाता है।
गुरु पूर्णिमा कब मनाई जाती है
प्रतिवर्ष गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।
ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यहां प्रतिवर्ष जुलाई अथवा अगस्त माह में मनाई जाती है।
गुरु पूर्णिमा 2022 में कब है
गुरु पूर्णिमा 2022 जुलाई की 13 तारीख को है, जी हां 13 तारीख को ही आषाढ़ महीने की पूर्णिमा है. जिस दिन को गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है. मुहूर्त की बात करने तो 12 जुलाई को 09:43 से यह शुरू होगी और 13 जुलाई को 07:52 मिनिट पर यह समाप्त हो जाएगी. इसलिए इसे 13 तारीख को पूरा दिन ही मनाया जायेगा.
गुरु पूर्णिमा 2022 तिथि एवं शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा 2022 तिथि, मुहूर्त: | 13 जुलाई, 2022 (बुधवार) |
पूर्णिमा तिथि शुरू: | 04:01 – 13 जुलाई 2022 |
पूर्णिमा तिथि ख़त्म: | 08:29 – 14 जुलाई 2022 |
गुरु पूर्णिमा 2022 कैसे मनाई जाती है
गुरु पूर्णिमा 2022 के दिन व्यक्ति जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करता है।
गुरु की पूजा मंदिरों या घरों में बैठकर की जाती है।
गुरु की पूजा के लिए कई लोग उनके फोटो के सामने पाठ की पूजा करते हैं, कई लोग ध्यान मुद्रा में रहकर गुरु मंत्र का जाप करते हैं। बहुत से लोग जिनके गुरु दिवंगत हो गए हैं वे अपने गुरु की चरण पादुकाओं की पूजा करते हैं.
सिख समाज के लोग इस दिन गुरुद्वारा जाते हैं और कीर्तन और पाठ करते हैं।
कुछ लोग गुरु पूर्णिमा का पर्व मुहूर्त में मनाते है. सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर स्नान करते हैं. स्नान करने के बाद भगवान विष्णु, शंकर एवं बृहस्पति की पूजा करने के बाद व्यास जी की पूजा करते हैं.
गुरु पूर्णिमा के दिन कई लोग उपवास भी रखते हैं जिसमें एक वक्त भोजन एवं एक वक्त फलाहार आदि का नियम का पालन किया जाता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन दान व दक्षिणा का आयोजन भी किया जाता है।
विशेष तौर पर गुरु का सम्मान कर उनका पूजन करने की प्रथा है।
वर्ष 2022 की गुरु पूर्णिमा में क्या विशेष है
वर्ष 2021 की गुरु पूर्णिमा हर साल की तरह ही है. इस साल कुछ विशेष नहीं है. भारत देश में शिष्य एवं गुरु के लिए गुरु पूर्णिमा का विशेष स्थान है।
गुरु एवम व्यास पूर्णिमा कथा (Guru Purnima Story)
हम सभी के जीवन में गुरु का बहुत महत्व है। गुरु ही हैं जो हमारे भीतर से अज्ञान के अंधकार को दूर करते हैं और हम में ज्ञान का प्रकाश भरते हैं। ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास का जन्म ऐसी ही एक पूर्णिमा के दिन हुआ था। तो उन्ही के नाम पर इसे व्यास पुर्णिमा (vyasa poornima) भी कहा जाता है. उन्होंने ही पहली बार पूरी मानव जाति को वेदों का ज्ञान दिया था। पहली बार मानव जाति के बीच वेद दर्शन लाने के कारण उन्हें प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया। तभी से उनके जन्मदिन के मौके पर इसी दिन गुरुपूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है।
गुरु दीक्षा मुहूर्त 2022
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार गुरु पूर्णिमा पर मंगल, बुध, गुरु और शनि के अनुकूल स्थिति में विराजमान होने की वजह से शुभ योग बन रहे हैं. इसमें रूचक योग, भद्र योग, हंस योग और शश नामक राजयोग है. इस शुभ योग में गुरुओं की चरण वंदना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी. जीवन के कष्ट दूर होंगे.
गुरु पूर्णिमा सुविचार (Quotes, Status, Wishes)
गुरु होता सबसे महान, जो देता सबको ज्ञान, आओ इस गुरु पूर्णिमा पर करें, अपने गुरु को प्रणाम… गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
गुरु आपके उपकार का कैसे चुकाऊं में मोल ? लाख कीमती धन भला, गुरु है मेरा अनमोल…हैप्पी गुरु पूर्णिमा
अपने परिवार में तुम्हारा परिचय कराया, उसने तुम्हें भले बुरे का आभास कराया, अथाह संसार में तुम्हें अस्तित्व दिलाया, दोष निकालकर सुदृढ़ व्यक्तित्व बनाया…. Happy Guru Poornima.
पानी के बिना नदी बेकार है, अतिथि के बिना आँगन बेकार है, प्रेम न हो तो सगेसंबंधी बेकार हैं, और जीवन में गुरु न हो तो जीवन बेकार है.
अक्षर-अक्षर हमें सिखातें, शब्द-शब्द अर्थ बताते, कभी प्यार से कभी डांट से, जीवन जीना हमें सिखाते… हैप्पी गूर पूर्णिमा
वक्त भी सिखाता है और टीचर भी, पर दोनों में अंतर सिर्फ इतना है कि टीचर लिखाकर इम्तिहान लेता है, और वक्त इम्तिहान लेकर सिखाता है…
गुरु पूर्णिमा का महत्व
- रामायण से लेकर महाभारत तक गुरू का स्थान सबसे महत्वपूर्ण और सर्वोच्च रहा है।
- गुरु की कृपा से सुख, संपन्नता, ज्ञान, विवेक, सहिष्णुता प्राप्त होती है।
- गुरु अंधकार से प्रकाश की और ले जाता है, ये कह सकते हैं कि गुरु अज्ञान से ज्ञान की और ले जाता है और जो हमें ज्ञान देता वह पूजनीय माना जाता है।
- गुरु को विशेष दर्जा दिया गया है, हिन्दू धर्म में गुरु को सबसे सर्वोच्च बताया गया है. इसलिए गुरु पूर्णिमा पर लोग अपने-अपने गुरु देव का पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
- गुरु से मन्त्र प्राप्त करने के लिए भी यह दिन श्रेष्ठ है।
- इस दिन गुरुजनों की यथा संभव सेवा करने का बहुत महत्व है।
- इस दिन को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं भी हैं, जिनमें से एक कथा के अनुसार इसी दिन ऋषि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। भारत के कई राज्यों में इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
- इस दिन लोग गुरु व्यास जी की पूजा करते हैं।
- कई लोग इस दिन अपने गुरु, इष्ट देव की भी आराधना करते हैं और काफी हर्षोउल्लास से इस पर्व को मनाते हैं
गुरु पूर्णिमा के भजन
अगर आप गुरु पूर्णिमा भजन सुनना चाहते हैं, तो आप अपने फोन में Google पर गुरु पूर्णिमा भजन खोजेंगे, फिर आपको कई भजन दिखाई देंगे, आप अपनी पसंद के भजन सुन सकते हैं। इसके अलावा यूट्यूब पर भी कई भजन उपलब्ध हैं, आप वहां भी सर्च कर सकते हैं।
तो इस तरह आप गुरु पूर्णिमा 2022 का पर्व मना सकते हैं, अपने गुरु का सम्मान करें। और उनके द्वारा दी गई शिक्षा के लिए उन्हें धन्यवाद कह सकते हैं।
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गुरु पूर्णिमा 2022 FAQ
Q : २०२2 में गुरु पूर्णिमा 2022 कब है?
Ans : 13 जुलाई
Q : गुरु पूर्णिमा को और किस नाम से जाना जाता है ?
Ans : व्यास पूर्णिमा
Q : हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा किस दिन मनाई जाती है
Ans : आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन
Q : गुरु पूर्णिमा के दिन किस महर्षि का जन्म हुआ था ?
Ans : गुरु वेद व्यास जिन्होंने महाभारत की रचना की थी.
Q : गुरु पूर्णिमा कब मनाई जाती है
Ans : अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह जुलाई अथवा अगस्त माह में मनाई जाती है
Q : आषाढी गुरु पूर्णिमा 2022 कब है ?
Ans : 13 जुलाई को
Q : मानव के गुरु कौन थे?
Ans : महर्षि वेदव्यास को समस्त मानव जाति का गुरु माना जाता है।
Q : प्रथम गुरु कौन है?
Ans : माता को ही प्रथम गुरु माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जितना माता अपनी संतान को प्रेम करती है और उसकी हितैषी होती है, उतना अन्य कोई नहीं होता है। संतानों को भी माता से सर्वाधिक शिक्षा मिलती है। इस कारण माता प्रथम गुरु है। किसी ने बड़ा ही सुन्दर लिखा है कि अपने बच्चे के लिए मां शास्त्र का काम करती है और पिता शस्त्र का।
Q : गुरु पूजन में किसकी पूजा होती है?
Ans : गुरु पूजन में महर्षि वेदव्यास जी की पूजा होती है। मान्यता है कि आषाढ़ पूर्णिमा तिथि को ही वेदों के रचयिचा महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। महर्षि वेदव्यास के जन्म पर सदियों से गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन की परंपरा चली आ रही है।
Q : 2022 में गुरु पूनम कब है?
Ans : 13 जुलाई
Q: गुरु पूर्णिमा 2022 कौनसा योग बन रहा हैं?
Ans: इस बार गुरु पूर्णिमा पर बन रहा हैं एक विशेष योग, जो खोलेगा सफलता के मार्ग !
गुरु पूर्णिमा 2022 के दिन त्रिग्रही योग बन रहा हैं |
मिथुन राशि में सूर्य, शुक्र और वुध ग्रह एक साथ स्थित होने से त्रिग्रही योग बन रहा हैं |
Q: गुरु का अर्थ
Ans: गुरु मतलब गु का अर्थ अंधकार और रु का अर्थ है प्रकाश यानी जो हमें अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाता है उसे गुरु कहते हैं. गुरु हमें हर उस जानकारी से रुबरु करवाते हैं, जिनका हमें ज्ञान नहीं होता है