रक्षाबंधन पर निबंध, हिंदी शायरी, हिंदी कविता (Raksha Bandhan Par Nibandh Shayari, Message History in Hindi )
रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है? बहुत सी बहनों के चेहरों पर ख़ुशी झलक आती हैं कि रक्षा बंधन आने वाला है. और हो भी क्यों न! क्योकि ये भाई बहन का रिश्ता होता ही कुछ ऐसा है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है. ये रिश्ता इतना ज्यादा पवित्र होता है की इसका सम्मान पूरी दुनिभर में किया जाता है.
ऐसे में बहुत कम ही लोग होग जिसे की ये न पता हो की रक्षा बंधन का अर्थ क्या है और इसे कैसे मनाया जाता है?
भारत जिसे की संस्कृतियों की देश भी माना जाता है. यहीं पर तो इस रिश्ते को एक अलग ही पहचान दी गयी है. इसकी इतनी ज्यादा महत्व है की इसे एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है. जी हाँ दोस्तों में रक्षा बंधन इन हिंदी की ही बात कर रहा हूँ.
रक्षाबंधन भाई बहन का त्वौहार हैं , चलिए जाने इसके महत्व को , इसके पीछे के इतिहास को जानिए और समझे की आज यह अपनी वास्तविकता से कितना परे (भिन्न ) होता दिखाई दे रहा हैं. इस लेख में माध्यम से आपका पौराणिक युग , इतिहास से लेकर आज के आधुनिकरण तक रक्षाबंधन से परिचय होगा .
त्यौहार का नाम | रक्षाबंधन ” Raksha Bandhan “ |
अन्य नाम | राखी, सलूनो, श्रावणी |
किस धर्म में मनाई जाता हैं | हिंदू धर्म व जैन धर्म |
तिथी | श्रावण पूर्णिमा |
विशेष | भाई बहन का विशेष त्यौहार |
रक्षाबंधन पर निबंध
रक्षाबंधन का महत्व
यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता हैं. भारत के मुख्य त्यौहारों में रक्षाबंधन भाई बहन का मुख्य त्यौहार आता हैं. बहन अपने भाई को रक्षा सूत्र (राखी) बांध कर उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं. भाई उसकी रक्षा का वचन देता हैं. यह परम्परा बरसो से निभाई जा रही हैं.
रक्षाबंधन का इतिहास (Raksha Bandhan History)
इतिहास में ऐसी कई कहानियाँ हैं, जिसमे बड़े-बड़े युद्ध को इस रक्षा सूत्र ने बचाया हैं. पहले वादे की कीमत जान से बढ़कर हुआ करती थी. अगर भाई से बहन को उसके पति की रक्षा का वचन दिया हैं तो आन बान शान परे रख उस वचन का मान रखा जाता था.
राजपुताना इतिहास में महारानी कर्णावती ने अपने राज्य की रक्षा हेतु मुग़ल बादशाह हुमायु को रक्षा सूत्र बांधा था और इसके बदले में हुमायु ने गुजरात के सुल्तान बहादुर साह से चित्तोड़ की रक्षा की थी. इस तरह इस त्यौहार का मान इतिहास में रखा जाता था.
रक्षाबंधन का सही मायना :
धार्मिक त्यौहार एवम रीतिरिवाज कई अच्छी बातों को ध्यान में रखकर मनाये जाते हैं. नारी शारीरिक बल में पुरुषों से कमजोर होती हैं. इस कारण सुरक्षा की दृष्टी से इस विशेष त्यौहार को बनाया गया पर कलयुग के दौर में परिपाठी बदलती ही जा रही हैं.
रक्षाबंधन का आधुनिकरण
आज के समय में यह एक त्यौहार की जगह लेन देन का व्यापार हो चूका हैं.बहने अपने भाई से गिफ्ट रूपये ऐसी चीजों की मांग करती हैं. शादी हो जाने पर मायके से ससुराल गिफ्ट्स एवं मिठाइयाँ भेजी जाती हैं. मान परम्परा का नहीं अब लेन देन का होता हैं. पिछले वर्ष इतना दिया इस वर्ष कम क्यूँ दिया.
आज यह त्यौहार हिसाब किताब का रक्षाबंधन हो चूका हैं. ऐसी महंगाई में कहीं ना कहीं यह त्यौहार भाइयों पर बोझ बनते जा रहे हैं. रक्षा और कामना से परे हट यह एक व्यापार का रूप बनते जा रहे हैं. पर कुछ जगह तो इसका उल्टा बहन को भाई व उसको ससुराल वालो सभी को गिफ्ट देना पड़ता हैं | कही भाई को भारी पड़ता हैं तो कही बहन को |
अगर आज रक्षाबंधन की श्रद्धा सभी के भीतर उतनी ही प्रबल होती जितनी की वास्तव में इतिहास में हुआ करती थी तो आये दिन औरतों पर होने वाले अत्याचार इतनी रफ्तार से ना बढ़ते. यह त्यौहार बस एक दिखावे का रूप हो गया हैं.
रक्षाबंधन की कहानी (Raksha Bandhan Story):
धार्मिक त्यौहारों के पीछे सदैव कुछ कहानियाँ होती हैं जिनके कारण त्यौहार मनाये जाते हैं. यह कहानियाँ ही मानव जीवन में इन त्यौहारों के प्रति आस्था बनाये रखती हैं. उसी प्रकार राखी के इस उत्सव के पीछे भी एक पौराणिक कथा प्रचलित हैं.
देवताओं और दानवो के बीच युद्ध चल रहा था जिसमे दानवो की ताकत देवताओं से कई गुना अधिक थी. देवता हर बाजी हारते दिखाई पड़ रहे थे. देवराज इंद्र के चेहरे पर भी संकट के बादल उमड़ पड़े थे. उनकी ऐसी स्थिती देख उनकी पत्नी इन्द्राणी भयभीत एवं चिंतित थी.
इन्द्राणी धर्मपरायण नारी थी उन्होंने अपने पति की रक्षा हेतु घनघोर तप किया और उस तप से एक रक्षासूत्र उत्पन्न किया जिसे इन्द्राणी ने इंद्र की दाहिनी कलाई पर बांधा. वह दिन श्रावण की पूर्णिमा का दिन था. और उस दिन देवताओं की जीत हुई और इंद्र सही सलामत स्वर्गलोक आये. तब एक रक्षासूत्र पत्नी ने अपने पति को बांधा था लेकिन आगे जाकर यह प्रथा भाई बहन के रिश्ते के बीच निभाई जाने लगी जो आज रक्षाबंधन के रूप में मनाई जाती हैं.
रक्षाबंधन पर हिंदी शायरी (Raksha Bandhan Par Hindi Shayari)
हर बहना करती हैं ईश्वर से दुआ
भाई को मिले जिंदगी खुशनुमा
कभी ना हो उसके माथे पर लकीरे
जीवन की हो सदा सुन्दर तस्वीरे
बैठे हैं हम इंतजार में,
चाहिये तौहफे हमे हजार में.
तू भले देर से आना भैया,
पर ATM साथ लाना भैया.
छोड़ आना बीवी को भाई के घर,
वरना खाएगी हमारा सिर.
सावन की बौछारों के बीच सुंदर पुष्प हैं खिला,
भाई बहन के रिश्ते की हैं यह पावन बेला.
घर में हैं ऐसी चहल पहल जैसे कोई मेला,
बहनों के लिए गीता गा रहा हैं भाई अलबेला
रिश्तों की धूम में हैं यह सबसे सुंदर संबंध
भाई बहन के रिश्ते को जो बनाये अनूठा बंधन
हैं वो निराला त्यौहार रक्षाबंधन
आईये मनाये और करे सभी का अभिनन्दन
बधाई हो बधाई राखी हैं आई,
मेरी प्यारी बहना ढेर सारी मिठाई लाई.
सबसे सुंदर राखी उसने मेरी कलाई पर सजाई,
आई रे आई खुशियों की बेला आई.
कितना भी रूठे, रूठकर माने
पर प्यार ना होता इसमें कम
बिन बोले समझत जाती बहना, भाई का गम
दुनियाँ से लड़ जायेगी पर ना होने देगी आँखे नम
यूँ तो हमेशा ही लड़ते हैं ये भाई-बहन के रिश्ते
पर बहना की बिदाई में भाई भी हैं सिसकते
कितना भी लड़ जाए ये दोनों
लेकिन जुदाई का गम ना सह पाते ये रिश्ते
रंग बिरंगी दुनियाँ में यह त्यौहारों की चमक,
भाई बहन के जीवन में रक्षाबंधन का महत्व.
कर्तव्य का हैं भान कराता यह बंधन का त्यौहार,
खुशियों से मनाते हैं हम मिलाकर रक्षाबंधन हर बार.
हर बहना करती हैं ईश्वर से दुआ
भाई को मिले जिंदगी खुशनुमा
कभी ना हो उसके माथे पर लकीरे
जीवन की हो सदा सुंदर तस्वीरे
बिन भाई बहन के हैं अधुरा परिवार
ये रिश्ता हैं घर की सबसे सुंदर शान
त्यौहारों में हैं राखी का अपना मान
जी जान से मनायेंगे राखी का त्यौहार
Raksha Bandhan FAQ
प्रश्न 1. रक्षाबंधन किसका त्यौहार हैं ?
उत्तर – भाई बहन
प्रश्न 2. रक्षाबंधन किस धर्म में मनाई जाती हैं ?
उत्तर – हिन्दू धर्म व जैन धर्म
प्रश्न 3. रक्षाबंधन का दूसरा नाम क्या हैं ?
उत्तर – श्रावणी/ राखी / सलूनो
प्रश्न 4. रक्षाबंधन की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर – यह युगों युगांतर से चला आ रहा पर्व हैं, माना जाता हैं जब शिशुपाल का वध करने हेतु कृष्ण ने चक्र धारण किया था तब उनकी अंगुली से रक्त बहने लगा था तब द्रोपदी ने अपने पल्लू की चीर से उनकी अंगुली बांधी थी उस दिन श्रावण पूर्णिमा थी और इन्ही कृष्ण ने द्रोपदी के वस्त्रहरण के समय उस चीर का आभार करते हुये उसकी रक्षा की थी और इसी कारण उस दिन को रक्षाबंधन के रूप में मनाया जात हैं .
प्रश्न 5. रक्षाबंधन कब से मनाया जाता है?
उत्तर – पौराणिक काल से लगभग 5 हजार वर्षो पूर्व से
प्रश्न 6. रक्षाबंधन कब से और क्यों मनाया जाता है?
उत्तर – पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिशुपाल का वध करते समय भगवान कृष्ण की तर्जनी उंगली कट गयी थी। तब द्रोपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली पर पट्टी बांधा था। उस दिन श्रावण पूर्णिमा का दिन था। तभी से रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है।
प्रश्न 7. रक्षाबंधन का मतलब क्या होता है?
उत्तर – भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षा बंधन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बंधन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। राखी का वास्तविक अर्थ भी यही है कि किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना।
प्रश्न 8. राखी का पर्व क्यों मनाया जाता है?
उत्तर –एक भाई का अपने बहन के प्रति कर्तव्य को जाहिर करता है. वहीँ इसे केवल सगे भाई बहन ही नहीं बल्कि कोई भी स्त्री और पुरुष जो की इस पर्व की मर्यादा को समझते है वो इसका पालन कर सकते हैं. इस मौके पर, एक बहन अपने भाई के कलाई में राखी बांधती है.
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